साप्ताहिक देवभूमि सच :जब खुद पर बीती तो लोकतंत्र की हत्या

सम्पादकीय



हले पी. चिदम्बरम, उसके बाद कांग्रेस नेता शिवकुमार, उसके बाद हरीश रावत या शरद पंवार पर सीबीआई के नजर से विपक्ष कहने लगा है कि अब तो लोकतंत्र की हत्या हो रही है। लेकिन दूसरा पक्ष देखा जाए तो इन्होंने कुछ तो गलत तो किया होगा, जो इनके खिलाफ मामला बन रहा हो। कांग्रेस के वक्त तो हर मंत्री भ्रष्टाचार की नदी में गोते मार देता था, यदि उनमें से कुछ पकड़े जा रहे हैं और कार्रवाई हो रही है तो गलत तो नहीं है। भ्रष्टाचार मुद्दे पर ही कांग्रेस ने अपनी सरकार गंवाई थी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने अपने खिलाफ ईडी के मामले को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए हमला बोला है। वे कह रहे हैं कि देश का लोकतंत्र खतरे' में है और यह 'समाप्त' हो जाएगा। कांग्रेस ने भी मोदी सरकार की निंदा की और उस पर महाराष्ट्र अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पवार को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। राकांपा ने कहा कि पवार का कथित घोटाले से कोई लेना देना नहीं है। पार्टी ने आरोप लगाया कि ईडी की जिस प्रेस विज्ञप्ति में मामले के संबंध में पवार का नाम शामिल , उसे सत्तारूढ भाजपा के कार्यालय में तैयार किया गया था। ऐसा प्रतीत होता है कि प्रेस नोट भाजपा के कार्यालय से जारी किया गया। भाजपा नीत सरकार पर ईडी के दुरुपयोग का आरोप लगाया। विपक्ष कह रहा है कि लोकतंत्र खतरे में है। यदि चीजें ऐसे ही चलती रहीं तो कुछ दिनों में लोकतंत्र समाप्त हो जाएगा।' कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि प्रतिशोध के तहत कारवाई करने वाली सरकार पवार को महाराष्ट्र चुनाव से पहले निशाना बना रही है। शरद पवार जी प्रतिशोध वाली सरकार का ताजा निशाना बने हैं।